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Governor Of Chhattisgarh H.E. Ramen Deka Plants Sapling At AAFT University During Convocation 2025...

Raipur, Chhattisgarh — November 2025: The Convocation 2025 of AAFT University of Media and Arts, Raipur, became a memorable and historic occasion with the distinguished presence of His Excellency Ramen Deka, Governor of Chhattisgarh, who graced the ceremony and planted a sapling in the university campus, symbolizing growth, knowledge, and sustainability.

The Governor was joined by Shri Tankram Verma, Hon’ble Minister for Higher Education and Disaster Management, Government of Chhattisgarh; Padma Shri Anuj Sharma, Hon’ble MLA; and Shri Vijay K. Goyal, Chairman, Chhattisgarh Private Universities Regulatory Commission. The ceremony was led by Dr. Sandeep Marwah, Chancellor of AAFT University.

Dr. Marwah expressed deep gratitude and said, “The installation of a plant by the Hon’ble Governor marks a new beginning — a symbol of our collective commitment to education, environment, and excellence. AAFT University continues to rise as a hub of creativity, innovation, and holistic learning.”

Addressing the gathering, H.E. Ramen Deka appreciated the vision and contribution of AAFT University towards skill-based education and youth empowerment. He remarked, “Planting a tree is planting hope for the future. I am delighted to see an institution like AAFT University nurturing both talent and social responsibility. Such initiatives reflect the true spirit of nation-building.”

The event was attended by faculty members, graduating students, dignitaries, and guests from various walks of life. The Convocation 2025 concluded with renewed enthusiasm and commitment to knowledge, creativity, and sustainable development.

Governor Of Chhattisgarh H.E. Ramen Deka Plants Sapling At AAFT University During Convocation 2025

“जहाँ समुंद्र मंथन की कहानियाँ खत्म होती हैं, HALLA वहीं से शुरू होता है…”...

भारतीय पौराणिक कथाओं की समृद्ध विरासत को एक नए दृष्टिकोण से पेश करता है—HALLA: Antasyah Aarambhah। यह फिल्म न केवल हमारी प्राचीन कथाओं को जीवंत करती है, बल्कि उसे आज के दर्शकों से जोड़ती भी है। इस फिल्म का विचार एक अनोखे सवाल से शुरू हुआ: “अगर समुंद्र मंथन में एक भूला हुआ नायक होता तो?” इसी विचार ने जन्म दिया HALLA को—एक ऐसे नायक की कहानी जिसे विष से जीवन मिला, और जिसने अंधकार से आशा का दीप जलाया।

HALLA, समुंद्र मंथन पर आधारित है, लेकिन यह पारंपरिक कथाओं से बिलकुल अलग है। इस बार कहानी केवल देवताओं और असुरों की लड़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह फिल्म उस चक्रव्यूह को दर्शाती है जहाँ भावनाएँ, राजनीति और व्यक्तिगत संघर्ष भी मंथन का हिस्सा हैं। फिल्म में कई नए किरदारों और मानवीय संवेदनाओं को जोड़ा गया है, जिससे यह कथा पहले से कहीं अधिक गहराई और समकालीनता से भर जाती है।

फिल्म का केंद्रीय पात्र, HALLA, विष से उत्पन्न हुआ एक बालक है। यह प्रतीक है उस परिवर्तन का, जहाँ पीड़ा और अंधकार से रक्षक जन्म लेते हैं। यह कहानी बताती है कि हर अंत में एक नई शुरुआत छिपी होती है—और हर विष में एक अमृत का बीज।

HALLA को विशेष बनाता है इसका अनोखा संतुलन—भव्यता और भावनात्मक सच्चाई का मेल। फिल्म की टीम ने विस्तृत सेट्स, व्यावहारिक इफेक्ट्स और अत्याधुनिक VFX तकनीकों का सहारा लेकर एक ऐसा संसार रचा है, जो दर्शकों को एक नए मिथकीय ब्रह्मांड में ले जाता है। लेकिन इसके साथ ही, कहानी में वह मानवीय संवेदना भी बनी रहती है, जिससे दर्शक नायक की यात्रा से गहराई से जुड़ जाते हैं।

फिल्म की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए टीम ने वेदों, पुराणों, लोककथाओं और क्षेत्रीय मिथकों का गहन अध्ययन किया। लेकिन सिर्फ प्राचीनता नहीं, इसमें रचनात्मक कल्पना का भी समावेश है, जिससे HALLA एक अनूठा अनुभव बन जाता है—न तो पूरी तरह पारंपरिक, न ही पूरी तरह आधुनिक, बल्कि दोनों का संतुलन।

HALLA की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह आज के दर्शकों से जुड़ती है। पारंपरिक परिधान, डिज़ाइंस और अनुष्ठानों को बनाए रखते हुए, फिल्म की कहानी में आधुनिक गति, गहराई और संघर्ष को जोड़ा गया है। HALLA की यात्रा यह दिखाती है कि पहचान सिर्फ जन्म से नहीं, बल्कि हमारे द्वारा लिए गए निर्णयों से बनती है।

इस भव्य पौराणिक फिल्म के निर्माता और इसकी संकल्पना के सूत्रधार हैं मनोज महेश्वर, जिनका सिनेमा के प्रति समर्पण इसे एक प्रामाणिक और गहन दृष्टि देता है। निर्देशन की कमान संभाली है भास्कर राम ने, जो बहुचर्चित फ़िल्म “बाहुबली” के एसोसिएट तकनीकी डायरेक्टर होने के साथ साथ, कई लोकप्रिय फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं। फिल्म की मूल कहानी को रूप दिया है युवा लेखक सौरभ मिश्रा ने, जिन्होंने समुंद्र मंथन की पृष्ठभूमि में एक नई कल्पनाशक्ति का संचार किया है। फिल्म के निर्माण में सशक्त भागीदारी निभाई है बॉलीवुड के अनुभवी निर्माता सुरज सिंह मास ने, जिन्होंने अमिताभ बच्चन और धोनी के साथ हाल ही में ऐड फ़िल्म का निर्माण किया है ।जबकि सह-निर्माता के रूप में अभिषेक राज और रुद्रांश ने फिल्म की रचनात्मक और प्रोडक्शन प्रक्रिया को मजबूती दी है।

तकनीकी दृष्टि से फिल्म को बेजोड़ बनाने में योगदान दिया है साउथ फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कुशल तकनीकी विशेषज्ञ रंजीत ने, और छायांकन की कमान संभाली है रंजीत मोगुसानी ने, जिनकी कैमरा दृष्टि ने इस पौराणिक गाथा को जीवंत बना दिया है। फिल्म के दृश्य संसार को भव्य और प्रभावशाली बनाने में प्रोडक्शन डिज़ाइनर रामकृष्ण की कल्पनाशक्ति और अनुभव झलकता है। सहलेखन में दिलीप केशव का सहयोग इस कथा को भावनात्मक और बौद्धिक गहराई प्रदान करता है।

निर्माता टीम का उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि दर्शकों को प्रेरणा देना भी है। HALLA दर्शकों को साहस, आत्म-खोज, और आशा का संदेश देता है—यह दिखाता है कि अंधकार के भीतर भी एक रक्षक जन्म ले सकता है। हर विष के भीतर एक वरदान छिपा होता है, और हर संघर्ष में एक नई राह।

यह सिर्फ एक पौराणिक फिल्म नहीं, बल्कि एक कालजयी यात्रा है, जो भारतीय सिनेमा में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है।

क्या आप तैयार हैं इस नई गाथा का हिस्सा बनने के लिए?

“जहाँ समुंद्र मंथन की कहानियाँ खत्म होती हैं, HALLA वहीं से शुरू होता है…”

“जहाँ समुंद्र मंथन की कहानियाँ खत्म होती हैं, HALLA वहीं से शुरू होता है…”...

भारतीय पौराणिक कथाओं की समृद्ध विरासत को एक नए दृष्टिकोण से पेश करता है—HALLA: Antasyah Aarambhah। यह फिल्म न केवल हमारी प्राचीन कथाओं को जीवंत करती है, बल्कि उसे आज के दर्शकों से जोड़ती भी है। इस फिल्म का विचार एक अनोखे सवाल से शुरू हुआ: “अगर समुंद्र मंथन में एक भूला हुआ नायक होता तो?” इसी विचार ने जन्म दिया HALLA को—एक ऐसे नायक की कहानी जिसे विष से जीवन मिला, और जिसने अंधकार से आशा का दीप जलाया।

HALLA, समुंद्र मंथन पर आधारित है, लेकिन यह पारंपरिक कथाओं से बिलकुल अलग है। इस बार कहानी केवल देवताओं और असुरों की लड़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह फिल्म उस चक्रव्यूह को दर्शाती है जहाँ भावनाएँ, राजनीति और व्यक्तिगत संघर्ष भी मंथन का हिस्सा हैं। फिल्म में कई नए किरदारों और मानवीय संवेदनाओं को जोड़ा गया है, जिससे यह कथा पहले से कहीं अधिक गहराई और समकालीनता से भर जाती है।

फिल्म का केंद्रीय पात्र, HALLA, विष से उत्पन्न हुआ एक बालक है। यह प्रतीक है उस परिवर्तन का, जहाँ पीड़ा और अंधकार से रक्षक जन्म लेते हैं। यह कहानी बताती है कि हर अंत में एक नई शुरुआत छिपी होती है—और हर विष में एक अमृत का बीज।

HALLA को विशेष बनाता है इसका अनोखा संतुलन—भव्यता और भावनात्मक सच्चाई का मेल। फिल्म की टीम ने विस्तृत सेट्स, व्यावहारिक इफेक्ट्स और अत्याधुनिक VFX तकनीकों का सहारा लेकर एक ऐसा संसार रचा है, जो दर्शकों को एक नए मिथकीय ब्रह्मांड में ले जाता है। लेकिन इसके साथ ही, कहानी में वह मानवीय संवेदना भी बनी रहती है, जिससे दर्शक नायक की यात्रा से गहराई से जुड़ जाते हैं।

फिल्म की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए टीम ने वेदों, पुराणों, लोककथाओं और क्षेत्रीय मिथकों का गहन अध्ययन किया। लेकिन सिर्फ प्राचीनता नहीं, इसमें रचनात्मक कल्पना का भी समावेश है, जिससे HALLA एक अनूठा अनुभव बन जाता है—न तो पूरी तरह पारंपरिक, न ही पूरी तरह आधुनिक, बल्कि दोनों का संतुलन।

HALLA की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह आज के दर्शकों से जुड़ती है। पारंपरिक परिधान, डिज़ाइंस और अनुष्ठानों को बनाए रखते हुए, फिल्म की कहानी में आधुनिक गति, गहराई और संघर्ष को जोड़ा गया है। HALLA की यात्रा यह दिखाती है कि पहचान सिर्फ जन्म से नहीं, बल्कि हमारे द्वारा लिए गए निर्णयों से बनती है।

इस भव्य पौराणिक फिल्म के निर्माता और इसकी संकल्पना के सूत्रधार हैं मनोज महेश्वर, जिनका सिनेमा के प्रति समर्पण इसे एक प्रामाणिक और गहन दृष्टि देता है। निर्देशन की कमान संभाली है भास्कर राम ने, जो बहुचर्चित फ़िल्म “बाहुबली” के एसोसिएट तकनीकी डायरेक्टर होने के साथ साथ, कई लोकप्रिय फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं। फिल्म की मूल कहानी को रूप दिया है युवा लेखक सौरभ मिश्रा ने, जिन्होंने समुंद्र मंथन की पृष्ठभूमि में एक नई कल्पनाशक्ति का संचार किया है। फिल्म के निर्माण में सशक्त भागीदारी निभाई है बॉलीवुड के अनुभवी निर्माता सुरज सिंह मास ने, जिन्होंने अमिताभ बच्चन और धोनी के साथ हाल ही में ऐड फ़िल्म का निर्माण किया है ।जबकि सह-निर्माता के रूप में अभिषेक राज और रुद्रांश ने फिल्म की रचनात्मक और प्रोडक्शन प्रक्रिया को मजबूती दी है।

तकनीकी दृष्टि से फिल्म को बेजोड़ बनाने में योगदान दिया है साउथ फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कुशल तकनीकी विशेषज्ञ रंजीत ने, और छायांकन की कमान संभाली है रंजीत मोगुसानी ने, जिनकी कैमरा दृष्टि ने इस पौराणिक गाथा को जीवंत बना दिया है। फिल्म के दृश्य संसार को भव्य और प्रभावशाली बनाने में प्रोडक्शन डिज़ाइनर रामकृष्ण की कल्पनाशक्ति और अनुभव झलकता है। सहलेखन में दिलीप केशव का सहयोग इस कथा को भावनात्मक और बौद्धिक गहराई प्रदान करता है।

निर्माता टीम का उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि दर्शकों को प्रेरणा देना भी है। HALLA दर्शकों को साहस, आत्म-खोज, और आशा का संदेश देता है—यह दिखाता है कि अंधकार के भीतर भी एक रक्षक जन्म ले सकता है। हर विष के भीतर एक वरदान छिपा होता है, और हर संघर्ष में एक नई राह।

यह सिर्फ एक पौराणिक फिल्म नहीं, बल्कि एक कालजयी यात्रा है, जो भारतीय सिनेमा में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है।

क्या आप तैयार हैं इस नई गाथा का हिस्सा बनने के लिए?

“जहाँ समुंद्र मंथन की कहानियाँ खत्म होती हैं, HALLA वहीं से शुरू होता है…”

नंदकिशोर धकिते निर्मित,अल्ताफ शेख दिग्दर्शित ‘ऍट पोस्ट बिहाली’ सिनेमा प्रदर्शनाच्या वाटेवर....

बीएसएफ बहुउद्देशीय संस्था,उपेक्षित नायक न्युज,संत कबीर बहुउद्देशीय सामाजिक संस्था बुलढाणा यांच्या वतीने यश पॅलेस अमरावती येथे ‘समाज क्रांती’ पुरस्कार समारंभ आयोजित करण्यात आला होता.यावेळी वर्ल्ड रेकॉर्ड बुक आणि गिनिज बुक रेकॉर्ड विजेते लेखक दिग्दर्शक अल्ताफ दादासाहेब शेख दिग्दर्शित व स्मिता धकिते आणि नंदकिशोर धकिते निर्मित ‘ऍट पोस्ट बिहाली’ या सिनेमाचे पोस्टर प्रदर्शन करण्यात आले.लवकरच हिंदी आणि मराठी भाषेतून संपूर्ण जगभरात सिनेमा प्रदर्शित करण्यात येणार आहे.

फिल्म इंडस्ट्री तसेच मीडिया आणि सामाजिक क्षेत्रातील मान्यवरांना ‘समाज क्रांती’ पुरस्कार देऊन सन्मानित करण्यात आले.याप्रसंगी सिनेमाचे एक्झिक्युटिव्ह प्रोड्युसर विशाल धेंडे,प्रॉडक्शन मॅनेजर गणेश गोरे तसेच सिनेमा सृष्टीतील दिग्दर्शक,निर्माते,कलावंत,पत्रकार इत्यादी क्षेत्रातील मान्यवर मोठ्या संखेने उपस्थित होते.

भुषण सरदार,रॉयल सरदार यांनी विशेष प्रयत्न केले.कार्यक्रमाचे सूत्रसंचालन अश्विनी सांगळे यांनी केले.तर आभार प्रदर्शन दिग्दर्शक अल्ताफ दादासाहेब शेख यांनी केले.

नंदकिशोर धकिते निर्मित,अल्ताफ शेख दिग्दर्शित ‘ऍट पोस्ट बिहाली’ सिनेमा प्रदर्शनाच्या वाटेवर.

Pan-India Aspirations Soar As Naga Chaitanya Embarks On Fantasy Epic #NC24...

Riding high on the success of his ₹100 crore grosser, “Thandel,” Naga Chaitanya is now poised to capture a pan-India audience with his upcoming film, #NC24. This ambitious project, backed by producer BVSN Prasad and directed by Karthik Dandu, is described as a culturally rich fantasy epic with breathtaking action and significant visual effects.

Sources indicate that #NC24 will delve into a world where ancient prophecies and royal lineages intersect with the present day. The story follows a treasure hunter, an archaeologist, and a history student as they confront “forces of destiny and evil” in a race against an impending apocalypse. The film is said to draw inspiration from various historical and mythological contexts, including references to the dark ages and the Kalyuga.

The makers are confident that #NC24’s blend of mythology, fantasy, and action will resonate with viewers across India and even beyond, making it a true pan-India phenomenon.

Naga Chaitanya expressed his excitement about the project, saying, “I believe #NC24 has the potential to connect with a very wide audience. The story is universal in its themes of good versus evil and the fight against destiny, and the visual scale of the film is something I’m incredibly excited for audiences to experience.”

It’s indeed time for Chay to go universal.

Pan-India Aspirations Soar As Naga Chaitanya Embarks On Fantasy Epic #NC24

एक्ट्रेस शोभिता धूलिपालिया को ढीले कपड़ो में देख पैप्स ने कहा कि क्या बच्चे की तैयारी हैं ! या शोभिता का ये स्टाइल हैं ! करीबी सूत्रों ने दी ये सफाई !...

एक्ट्रेस शोभिता धूलिपालिया ने ढीले कपडे क्या पहनें , चर्चा होने लगी कि क्या कोई नया मेहमान तो नही आनेवाला ।

https://www.instagram.com/p/DHi2sQvq-HO/

एक्ट्रेस की सुपर फिट और ट्रिम बॉडी पर ढीले कपड़ो की ये स्टाइल, एक नए कॉन्ट्रोवर्सी को हवा दे गयी।

खुद शोभिता भी दंग रह गयी कि ये क्या नया फसाना शुरू हो गया है। ऐसे में शोभिता के करीबी वालो ने इस बात पर जानकारी दी कि,” ऐसी कोई बात नही हैं जबकि शोभिता का ये स्टाइल हैं। उनके ढीले कपड़े और प्रेग्नेसी का कोई लेना देना नही हैं। ”

शोभिता एक बेबाक पर्सनालिटी हैं। वो अपने हिसाब से अभिनय और कपड़ों का अन्दाज़ चुनती हैं। उनकी साड़ियों से लेकर हॉट वन पीसेस भी उनके फैंस को बहुत पसंद करते हैं ।

https://www.instagram.com/p/DJHl-6ATh1X/

 

ऐसे में सिर्फ एक बेसिर कॉन्ट्रोवर्सी से शोभिता ढीले कपड़ो में न दिखे ऐसा तो हो नही सकता। हाल में ही नागा चैतन्य और शोभिता दोनों ही WAVE SUMMIT INDIA में नजर आए।

https://www.instagram.com/p/DJHm5mTTuID/

जहाँ दोनों की स्टाइल सुर्खिया बटोर गयी और दोनों ने अपनी सेल्फी को सोशल मीडिया पर शेयर भी किया ।

एक्ट्रेस शोभिता धूलिपालिया को ढीले कपड़ो में देख पैप्स ने कहा कि क्या बच्चे की तैयारी हैं ! या शोभिता का ये स्टाइल हैं ! करीबी सूत्रों ने दी ये सफाई !