nav-left cat-right
cat-right

कायस्थों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एकजुटता जरूरी – राजीव रंजन

कायस्थों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एकजुटता जरूरी – राजीव रंजन

कायस्थ समाज का स्वर्णिम और गौरवशाली इतिहास : रागिनी रंजन

19 दिसंबर को नई दिल्ली में कायस्थों का महाकुंभ होगा निर्णायक

कायस्थ समाज अपने स्वर्णिम इतिहास को एक बार फिर दोहराएगा : डा. नम्रता आनंद

कार्यक्रम को सभी कायस्थ संगठनों का व्यापक समर्थन

पटना, 21 नवंबर ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि देश एवं विदेश में फैले भारी संख्या में कायस्थों को एकजुट कर सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक क्षेत्र में एक बार फिर शिखर पर पहुंचने की जोरदार पहल की गई है। इसी क्रम में आगामी 19 दिसंबर को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में विश्व कायस्थ महासम्मेलन का आयोजन कर अपनी चट्टानी एकता के साथ-साथ मजबूती का प्रदर्शन किया जाएगा ।

श्री प्रसाद ने आज स्थानीय तारामंडल में जीकेसी के शंखनाद यात्रा के तहत कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में फैले कायस्थ अपनी सामाजिक, शैक्षणिक व्यासायिक और राजनीतिक क्षेत्र में वाजिब हिस्सेदारी के लिए तेजी से एकजुट हो रहे हैं और इसी क्रम में विभिन्न कायस्थ संगठनों ने विश्व कायस्थ महासम्मेलन को अपना समर्थन देकर एकजुटता को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि भगवान चित्रगुप्त के वंशजों के लिए अभी का समय पूरी तरह निर्णायक है क्योंकि राजनीतिक तथा रोजगार के क्षेत्र में हमारे हितों को नजरअंदाज किए जाने के स्पष्ट संकेत हाल के महीनों में मिले हैं । ऐसी स्थिति में हम एक बार पुनः अपने गौरवशाली अतीत के अनुरूप कायस्थों को हर क्षेत्र में  शिखर पर लाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं ।

ग्लोबल अध्यक्ष ने कहा कि विश्व और देश पर कायस्थों द्वारा नेतृत्व करने का इतिहास किसी से छुपा नहीं है। इतना ही नहीं विश्व गुरू स्वामी विवेकानंद, स्वतंत्रता आन्दोलन के नायक सुभाष चन्द्र बोस या फिर देश में संपूर्ण क्रान्ति के अगुआ जयप्रकाश नारायण, राजेन्द्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री सहित अन्य कई विभूतियों ने विश्व एवं देश का न सिर्फ नेतृत्व किया बल्कि अध्याय बदलने का काम किया है। ऐसे में एक बार फिर संसदीय व्यवस्था में कायस्थों का शिखर पर आना बेहद आवश्यक हो गया है। उन्होंने 19 दिसंबर को महासम्मेलन में सभी से जोरदार भागीदारी की अपील की ।

जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में कायस्थ कहीं न कहीं तंत्र की एक बड़ीआवश्यकता है, जिस तरह से मूल्यों का क्षरण हुआ है। लगातार जो हमारी विरासत, हमारी परंपराएं और हमारा स्वर्णिम और गौरवशाली इतिहास है  ।

आज वह कहीं-न-कही धूल धूसरित हुए हैं। आज संसदीय मूल्यों में गिरावट, बिगड़ता सामाजिक तानाबाना,समाज में असंतोष की भावना को देखते हुए एक बार फिर समय की आवश्यकता है कि हमें  सामने आकर तंत्र के शिखर पर काबिज होना होगा।

प्रदेश अध्यक्ष डॉ नम्रता आनंद ने कहा कि पूरे राज्य में कायस्थों का यह संगठन तेजी से न केवल सक्रिय हुआ है बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में उपेक्षित हो रहे भगवान चित्रगुप्त के वंशज जीकेसी के बैनर तले अपने भविष्य के हितों को देख रहे हैं ।

उन्होंने कहा कायस्‍थ समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है। मौजूदा राजनीतिक और समाजिक परिदृश्‍य में कायस्थ समाज की उपेक्षा की जा रही है। कायस्थ राजाओ, साम्राज्योँ और उनके साहसिक शासनकाल का अविष्मरणीय योगदान रहा है, जिसे कायस्‍थ समाज एक बार फिर दोहराएगा। हम सभी को फिर से एकजुट होने की जरूरत है ।

जीकेसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कमल किशोर ने कहा कि कायस्थों के लिए पूरे देश में एक अलग प्रकार से उत्पन्न संकट की इस घड़ी में सभी कायस्थ संगठनों को एकजुट होकर एक मंच पर आने की आवश्यकता है और इसका व्यापक समर्थन सभी को करना चाहिए।उन्होंने कहा कि विश्व कायस्थ महासम्मेलन कायस्थ जाति के  उज्ज्वल भविष्य के लिए.हर दृष्टिकोण से निर्णायक साबित होगा।अतः हमें तन-मन-धन से इसे ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है ।

जीकेसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक कुमार अभिषेक ने कहा, कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने देश के सामाजिक, राजनैतिक उत्थान के साथ, आजादी की लड़ाई में अपनी अहम भूमिका अदा की है, लेकिन आज कायस्थ समाज हाशिये पर चल गया है जिसे संगठित करते हुए मजबूत करने की जरूरत है ।

जीकेसी पटना जिलाध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव ने कहा, आज के दौर में कायस्थ जाति संगठित नही होने से अपने हक को सही तरीके से हासिल नही कर पा रही है। इसके लिए हम सब को साथ आना चाहिए ।

कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलित कर की गयी। इसके बाद भगवान चित्रगुप्त के चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया और भगवान चित्रगुप्त की वंदना से की गयी ।

कार्यक्रम बतौर मुख्य अतिथि भाजपा विधायक अरुण कुमार सिन्हा,  पदम श्री डॉ गोपाल प्रसाद सिन्हा मौजूद थे। दीदीजी फाउंडेशन के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम झिझिया, कजरी, जट जतिन छठ गीत समेत कई कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों का दिल जीत लिया। जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के सचिवआलोक कुमार रचित-संगीतबद्ध गीत स्वागतम गान ने और कायस्थों का उत्थान लोगों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम का सफल  संचालन अजय  अंबषठने किया  ।

इस अवसर पर जीकेसी मीडिया- कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सिन्हा , कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक  दीप श्रेष्ठ,कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के  सचिव अनुराग समरूप,

हैप्पी श्रीवास्तव,  सुबाला वर्मा, युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ कुमार वर्मा,  संजय कुमार रघुवर, कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के  अध्यक्ष दिवाकर कुमार वर्मा, प्रदेश महासचिव संजय सिन्हा, प्रदेश उपाध्यक्ष नीलेश रंजन, पटना जिला उपाध्यक्ष धनंजय प्रसाद, मीडिया सेल के प्रदेश महासचिव मुकेश महान, युवा प्रकोष्ठ के प्रभारी राजेश सिन्हा संजू, जीकेसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल आनंद सन्नु ,राष्ट्रीय सचिव हैप्पी श्रीवास्तव राष्ट्रीय सचिव वंदना श्रीवास्तव ,रवि सिन्हा दिलीप कुमार सिन्हा पल्लवी श्रीवास्तव प्रियदर्शी हर्षवर्धन, आइटी सेल के अध्यक्ष आशुतोष ब्रजेश, युवा प्रकोष्ठ के कार्यवाहक अध्यक्ष सुशांत सिन्हा, पटना जिलाअध्यक्ष पीयुष श्रीवास्तव ,प्रसून श्रीवास्तव मीडिया सेल के राष्ट्रीय सचिव नीरव समदर्शी,समेत कई अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

  

कायस्थों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एकजुटता जरूरी – राजीव रंजन

Print Friendly, PDF & Email

Comments are closed.