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सिर्फ़ 6 साल के मोहम्मद अशर ने ग्रीन वर्ल्ड मीडिया प्रोडक्शन की हिंदी वेब सीरीज “कच्चे रिश्ते पार्ट 2” में मुख्य भूमिका निभाई...

मुम्बई.  प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती है.  इसका ताजा उदाहरण है मात्र 6 साल के मोहम्मद अशर जिन्होंने निर्देशक बी एस अली की हिंदी वेब सीरीज “कच्चे रिश्ते पार्ट 2” में मुख्य भूमिका निभाई है. दिग्गज ऐक्टर रमेश गोयल ने भी इस वेब सीरीज में काम किया है और वह मोहम्मद अशर के दादा की भूमिका में नजर आएंगे. ठाणे के रहने वाले चाइल्ड ऐक्टर ने ग्रीन वर्ल्ड मीडिया प्रोडक्शन की हिंदी सीरीज मे मेन लीड किया है जिनकी शूटिंग हो गई है. जल्द ही इसे रिलीज किया जाएगा.

अल्ताफ अहमद और हुदा रहमान के पुत्र मोहम्मद अशर को डांस और गायकी का शौक है.

निर्माता निर्देशक बी एस अली द्वारा नए कलाकारों को मौका दिया जा रहा है और उन्हें अभिनय की ट्रेनिंग भी दी जाती है. उनकी ही खोज हैं मोहम्मद अशर जो अपने प्रोजेक्ट को लेकर उत्साहित हैं.

बी एस अली ने कहा कि इस वेब सीरीज की शूटिंग मुंबई में पूरी हो गई है. सीरीज की कहानी दर्शको को बांध कर रखेगी और उन्हें भरपूर मनोरंजन प्रदान करेगी।

मोहम्मद अशर ने निर्देशक बीएस अली की प्रशंसा की और उनका शुक्रिया अदा किया है।

  

सिर्फ़ 6 साल के मोहम्मद अशर ने ग्रीन वर्ल्ड मीडिया प्रोडक्शन की हिंदी वेब सीरीज “कच्चे रिश्ते पार्ट 2” में मुख्य भूमिका निभाई

सिर्फ़ 11 साल की रिद्धि मंगेश पाटिल ने ग्रीन वर्ल्ड मीडिया प्रोडक्शन की हिंदी वेब सीरीज “कच्चे रिश्ते पार्ट 2” में रमेश गोयल के साथ किया अभिनय...

मुम्बई.  सिर्फ 11 साल की रिद्धि मंगेश पाटिल ने अपने अभिनय से सबको  आश्चर्यजनक कर दिया है. उनकी प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं है.  रिद्धि मंगेश पाटिल ने निर्देशक बी एस अली की हिंदी वेब सीरीज “कच्चे रिश्ते पार्ट 2” में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. दिग्गज ऐक्टर रमेश गोयल ने भी इस वेब सीरीज में काम किया है और उन्होने रिद्धि मंगेश पाटिल की अदाकारी की प्रशंसा की है.

भिवंडी ठाणे की रहने वाली चाइल्ड एक्ट्रेस ने ग्रीन वर्ल्ड मीडिया प्रोडक्शन की हिंदी सीरीज मे बहुत अच्छा रोल किया है जिनकी शूटिंग हो गई है. जल्द ही इसे रिलीज किया जाएगा.

शौक अभिनय, खेल

मंगेश कमलाकर पाटिल और मोना मंगेश पाटिल की पुत्री रिद्धि मंगेश पाटिल को अभिनय और खेल का शौक है. उन्हें मराठी, हिंदी, अंग्रेजी भाषाएं आती है. उनके पिता एस्टेट एजेंट हैं जबकि माता ब्यूटीशियन हैं.

प्रोड्यूसर डायरेक्टर बी एस अली द्वारा नए कलाकारों को अवसर दिया जा रहा है और उन्हें अभिनय की ट्रेनिंग भी दी जाती है. उनकी ही खोज हैं रिद्धि मंगेश पाटिल जो अपने प्रोजेक्ट को लेकर एक्साइटेड हैं.

बी एस अली ने बताया कि इस वेब सीरीज की शूटिंग मुंबई में कम्प्लीट हो गई है. सीरीज की स्टोरी दर्शको को पसंद आएगी और उन्हें भरपूर एंटरटेनमेंट प्रदान करेगी।रिद्धि मंगेश पाटिल बहुत अच्छी अभिनेत्री हैं. इस आयु मे भी उनकी प्रतिभा अद्भुत है.

रिद्धि मंगेश पाटिल ने निर्देशक बीएस अली की तारीफ की और उनको धन्यवाद दिया है।

 

सिर्फ़ 11 साल की रिद्धि मंगेश पाटिल ने ग्रीन वर्ल्ड मीडिया प्रोडक्शन की हिंदी वेब सीरीज “कच्चे रिश्ते पार्ट 2” में रमेश गोयल के साथ किया अभिनय

दीपक सारस्वत: समाज सेवा की मिसाल, फिल्मों के साथ-साथ संवार रहे हैं जरूरतमंदों की तकदीर...

मनोरंजन जगत की चकाचौंध से दूर, फिल्म निर्माता और समाजसेवी दीपक सारस्वत ने समाज सेवा के क्षेत्र में एक ऐसी लकीर खींच दी है, जो लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है। दीपक सारस्वत केवल फिल्मों के निर्माता ही नहीं हैं, बल्कि वे उन ‘उम्मीदों के निर्माता’ भी हैं जो समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को बेहतर जीवन का सपना दिखाते हैं।

7 साल, एक संकल्प और अटूट सेवा भाव

​पिछले 7 वर्षों से दीपक सारस्वत ने अपने जन्मदिन को व्यक्तिगत जश्न के बजाय ‘परोपकार का उत्सव’ बना दिया है। हर साल लाखों रुपये की मदद और निरंतर जमीनी सेवा के माध्यम से उन्होंने हजारों चेहरों पर मुस्कान बिखेरी है।

पिछले 5 वर्षों का सेवा रिकॉर्ड: एक नज़र में

​दीपक सारस्वत के सेवा कार्यों का सफर हर साल नए आयाम स्थापित कर रहा है।

पिछले 5 वर्षों का उनका रिकॉर्ड उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है:

*  2021 – भीषण ठंड के बीच 500 बेसहारा लोगों को कपड़े और कंबल वितरित कर राहत पहुंचाई।

*  2022 – एड्स पीड़ित मासूम बच्चों को अपनी बहन मानकर उनकी सेवा की और समाज को संवेदनशीलता का संदेश दिया।

*  2023 – जन्मदिन को ‘जन्म सप्ताह’ के रूप में मनाया और 7 दिनों के भीतर जरूरतमंदों को ₹1 लाख की आर्थिक मदद दी।

*  2024 – पूरा सप्ताह सड़क किनारे रहने वाले लोगों के बीच बिताया, उन्हें मिठाई, कपड़े और कंबल वितरित किए।

*  2025 – इस वर्ष गाजियाबाद स्थित वृद्धाश्रम में बुजुर्गों की सेवा, उनके साथ समय बिताकर और बड़े स्तर पर अनुदान देकर अपना जन्मदिन समर्पित किया।

गरीबों की बुलंद आवाज

​दीपक सारस्वत का मानना है कि ईश्वर ने हमें जो कुछ भी दिया है, उसका एक अंश समाज के उन लोगों के पास जाना चाहिए जिन्हें उसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। इसी सोच के कारण आज वे गरीबों और जरूरतमंदों की सबसे मजबूत आवाज बनकर उभरे हैं।

प्रेरणा का स्रोत बना व्यक्तित्व

​सिनेमा की दुनिया में सक्रिय रहते हुए भी दीपक ने कभी अपनी जड़ों को नहीं भुलाया। उनके इस निरंतर प्रयास ने न केवल गाजियाबाद बल्कि पूरे क्षेत्र के लोगों को प्रेरित किया है। उनके जन्मदिन पर होने वाले ये सेवा कार्य अब एक जन-आंदोलन का रूप ले चुके हैं।

​”दीपक सारस्वत का यह निस्वार्थ सेवा भाव यह सिखाता है कि उत्सव का असली आनंद दूसरों के दुख दूर करने में ही निहित है।”

दीपक सारस्वत: समाज सेवा की मिसाल, फिल्मों के साथ-साथ संवार रहे हैं जरूरतमंदों की तकदीर

कटनी के निर्माता विकास शर्मा का पूरा हुआ ख्वाब मल्टीप्लेक्स में छा गया है “अपना अमिताभ”...

कटनी (मध्यप्रदेश) के विकास शर्मा की बहुप्रतीक्षित इच्छा पूर्ण हो गई है। अपने गृह नगर से मायानगरी मुंबई तक आने का उनका सफर सफल रहा है और देखा सोचा बुना हुआ सपना साकार हो गया है। आज की तिथि में एक सफल उदीयमान फिल्म प्रोड्यूसर की सूची में विकास शर्मा का नाम शुमार हो गया है। शर्मा के प्रोडक्शन हाउस क्लासिक एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी पहली फिल्म “अपना अमिताभ” इस १२ दिसम्बर, २०२५ से सिनेमाघरों में प्रदर्शित है। इस सोशल ड्रामा के लेखक एवं निर्देशक अजय आनंद हैं। फिल्म गांव के किशोरों के जीवन संघर्ष पर आधारित है। एक सफाईकर्मी का लड़का किस तरह पास पड़ोस के लोगों के ताने विरोध को सीने से लगाए अपनी स्थिति सुदृढ़ करता है, इसे एक ग्रामीण पृष्ठभूमि में रखते हुए बड़े सलीके से दिखाया गया है। एक दिन वही लड़का उनका प्रेरणास्रोत बनता है, यह कहानी का मुख्य बिन्दु है। अजय आनंद के सुलझे निर्देशन में चित्रित “अपना अमिताभ” देखने लायक है। फिल्म गांवों में व्याप्त जाति प्रथा और ऊॅंच नीच जैसी कुव्यवस्था पर चोट करती है।

फिल्मों का शौकीन विजय इस फिल्म का नायक है। वह अमिताभ बच्चन का बहुत बड़ा फैन है। उसकी दिनचर्या की शुरुआत ही अमिताभ बच्चन की फिल्मी स्टाइल से शुरु होती है। उठना बैठना, चलना फिरना सब अमिताभ शैली में होने लगता है। उसकी यह चपलता ग्रामीणों को खलती है। उसे तरह तरह की बातें सुनने को मिलती हैं। विजय इस उलाहना को हथियार बना लेता है। फिर जो होता है उसके लिए थियेटर पहुंचें और देखें “अपना अमिताभ”।

“अपना अमिताभ” के मुख्य कलाकार हैं : विजय रावल, अंजलि मिश्रा, जय ठक्कर, हेमंत महाउर, मुकेश भट, बच्चन पचेरा, शरत सोनू, सुरुचि वर्मा, हनुमान गुदसा, जीतेन्द्र सिंह, अमित घोष, शिल्पी कुकराती, विनय अम्बष्ट, ज्योत सिंह और अनुपम श्याम। को- प्रोड्यूसर रमेश शर्मा, एडिटर चैतन्य वी. तन्ना, सिनेमैटोग्राफर शम्भु शर्मा, बैकग्राउंड स्कोर भूपेश शर्मा और संगीत निर्देशन राजेश झा का है। अभी कटनी के विकास शर्मा और मुंबई के अजय आनंद “अपना अमिताभ” के निर्माता व निर्देशक के रूप में चर्चा में हैं।

——-  उमेश सिंह चंदेल

कटनी के निर्माता विकास शर्मा का पूरा हुआ ख्वाब मल्टीप्लेक्स में छा गया है “अपना अमिताभ”

आनंद पांडे उद्योगपति–समाजसेवी ने रचा इतिहास शून्य से शिखर तक का प्रेरक सफर...

कुंडा प्रतापगढ़ से मुंबई तक का सफ़र — आज देश के लिए मिसाल

प्रतापगढ़/मुंबई। : उत्तर प्रदेश के कुंडा क्षेत्र के परानूपुर गांव में जन्मे उद्योगपति एवं समाजसेवी आनंद पांडे बीते दिनों अचानक राष्ट्रीय सुर्खियों में छा गए। 10 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक प्रतापगढ़ में आयोजित भव्य रामकथा समागम ने ऐसा अध्याय जोड़ दिया, जिसे प्रतापगढ़ ही नहीं पूरा प्रदेश हमेशा याद रखेगा।

इस अद्भुत आयोजन में कथावाचक राजन जी महाराज की पावन उपस्थिति और लाखों श्रद्धालुओं का सागर प्रतापगढ़ के लिए अप्रत्याशित और ऐतिहासिक दृश्य लेकर आया।

पहली बार कथा स्थल पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई, जिसने पूरे आयोजन को भावनाओं, आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा के अविस्मरणीय संगम में बदल दिया। आयोजन के सूत्रधार आनंद पांडे इन दस दिनों तक हर ओर चर्चा का केंद्र बने रहे।

सरल स्वभाव, विनम्र भाषा और आध्यात्मिक दृष्टि रखने वाले आनंद पांडे ने यह साबित किया कि ईमानदारी और दृढ़ संकल्प इंसान को किसी भी ऊंचाई तक पहुंचा सकते हैं।

मुंबई में ₹7–8 हज़ार की नौकरी से शुरुआत, आज बिजनेस टाइकून

आनंद पांडे का जीवन संघर्ष, विश्वास और सफलता का अद्भुत संगम है।

2011–12 के दौरान वे रोज़गार की तलाश में मुंबई पहुंचे और महीने के केवल 7–8 हज़ार रुपये की नौकरी से जीवन की शुरुआत की।

कुछ वर्षों की नौकरी के बाद उनके भीतर एक सपना आकार लेने लगा —

“अपना काम करो, अपनी कंपनी बनाओ… और अपने साथ दूसरों का जीवन भी संवारो।”

2018–19 में उन्होंने अपने बिजनेस की नींव रखी। सत्यनिष्ठा, मेहनत और पारिवारिक मूल्यों को आधार बनाकर उन्होंने ऐसा व्यापारिक साम्राज्य खड़ा किया कि आज वे उद्योग और समाजसेवा दोनों क्षेत्रों में प्रेरणास्रोत बन चुके हैं।

राजनीति से दूरी — सेवा ही लक्ष्य

कई बार लोगों ने अनुमान लगाया कि भविष्य में आनंद पांडे राजनीति में उतर सकते हैं, लेकिन उन्होंने स्वयं इस बात से स्पष्ट इनकार किया। उनका मानना है —

“मानव सेवा ही भगवान की सेवा है।”

आज वे गरीब कन्याओं के विवाह, शिक्षा सहायता, ज़रूरतमंदों के इलाज, आश्रयहीनों के सहयोग और समाजोपयोगी कार्यों में लगातार सक्रिय हैं।

गरीबी से उठकर सफलता की चोटी तक

आनंद का जीवन संघर्ष का जीवंत उदाहरण है।

उनके पिता कभी सिक्योरिटी गार्ड रहे और ऑटो रिक्शा चलाते थे। आनंद खुद पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे थे, फिर जीवन ने करवट ली और वे मुंबई आ गए।

माता-पिता का आशीर्वाद, कर्म की निष्ठा और सादगी ने किस्मत को बदल दिया।

आज आनंद पांडे युवा वर्ग के आदर्श और प्रेरणा बन चुके हैं। कुंडा से मुंबई तक — हर जगह उनका नाम संघर्ष, मेहनत और उपलब्धि की मिसाल के तौर पर लिया जा रहा है।

युवाओं के नाम संदेश

“कोई भी काम छोटा नहीं होता। मेहनत और ईमानदारी से किया गया प्रयास इंसान को शून्य से शिखर तक पहुंचा देता है।”

आस्था, सेवा और सफलता का संगम

आनंद पांडे आज उन चुनिंदा नामों में शुमार हैं, जिन्होंने आर्थिक उन्नति के साथ सामाजिक योगदान को प्राथमिकता दी।

प्रतापगढ़ के इतिहास में उनके द्वारा रचा गया रामकथा समागम हमेशा एक प्रेरक उदाहरण रहेगा। आने वाली पीढ़ियाँ इसे आस्था और व्यवस्थापन क्षमता की अनूठी मिसाल के रूप में याद करेंगी।

केवल प्रतापगढ़ ही नहीं, पूरा उत्तर प्रदेश और मुंबई का कारोबारी जगत आज उनके सफर को अद्भुत उपलब्धि और मानवीय मूल्यों की जीत के रूप में देख रहा है।

 

आनंद पांडे  उद्योगपति–समाजसेवी  ने रचा इतिहास शून्य से शिखर तक का प्रेरक सफर

Join In Paying Homage At The Memorial Ceremony Of Late Mother Of Sanghmitra Gaikwad...

Mumbai / Pune: The revered mother of Sangmitra Gaikwad, State Secretary of RPI (Athawale Group), Maharashtra, passed away on 4th November at Wakad, Pune, leaving behind a legacy of love, strength, and inspiration.

In her fond memory, a memorial prayer ceremony (Punyānummodan) has been organized on 16th November at her residence in Turori, Taluka Udgir, District Dharashiv.

On this solemn occasion, family members, relatives, social workers, and political associates will gather together to pray for the peace of the departed soul.

All well-wishers — Parvati Abhimanyu Belamkar, Shakti Gupta, Tulshiram Shil Ratna Gaikwad, Sangmitra Tai Shripati Gaikwad, Satyashil Tulshiram Gaikwad, Mayadevi Mahesh Kate, Vaishali Jaydev Randive, along with all relatives, supporters, and social companions — are humbly requested to attend the ceremony and offer their heartfelt tributes to the departed soul, and extend their support to the bereaved family in this hour of grief.

Late Bhama Bai Tulshiram Gaikwad led a life of courage and determination. Nearly 40 years ago, after the demise of her husband Tulshiram Gaikwad, she refused to surrender to circumstances.

With immense perseverance, she raised and educated her four daughters and three sons, nurturing them with strong values and discipline. Today, their entire family of seven siblings stands as a shining example of an educated, value-driven, and progressive household.

Among the family members are MDs, doctors, engineers, lawyers, M.Tech and MBA professionals, entrepreneurs, and teachers.

Many have pursued higher education in Egypt, England, Chapra (Bihar), and various parts of India, bringing pride to the family.

The extended family also includes principals, former corporators, supervisors from Kirloskar Company, PTA members, journalists, and socially active individuals.

Their sons-in-law and daughters are also highly educated and actively engaged in social service.

The life and legacy of Bhama Bai Gaikwad remain a living example of resilience, sacrifice, and the power of education and values passed through generations.

May Lord Gautam Buddha bless the departed soul with eternal peace and grant strength to the family to overcome this sorrow.

Namo Buddhay * Jai Bhim *

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